Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps February 21, 2017 दुआ मांगी थी आशियाने की , चल पड़ी आंधियां ज़माने की, मेरे गम को कोई समझ न पाया, मुझे आदत थी मुस्कराने की॥ Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps Comments
February 21, 2017 बुझने लगी हो आंखे तेरी , चाहे थमती हो रफ्तार उखड़ रही हो सांसे तेरी , दिल करता हो चित्कार दोष विधाता को ना देना , मन मे रखना तू ये आस “रण विजयी” बनता वही , जिसके पास हो “आत्मविश्वास” Read more
February 21, 2017 मंजिले उन्ही को मिलती है जिनके सपनो में जान होती है पंखो से कुछ नहीं होता होसलो से उडान होती है॥ Read more
Bewafai ki baad..बेवफाई के बाद February 21, 2017 हर ध्ड्रकन में एक राज्र होता हर बात को बताने का एक अंदाज्र होता है जब तक ठोकर न लगे बेवफाई की हर किसी को अपने प्यार पे नाज्र होता है 💗 Read more
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