शिकायत है उन्हें कि हमें मोहब्बत करना नही आता, शिकवा तो इस दिल को भी है ……… पर इसे शिकायत करना नहीं आता
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बुझने लगी हो आंखे तेरी , चाहे थमती हो रफ्तार उखड़ रही हो सांसे तेरी , दिल करता हो चित्कार दोष विधाता को ना देना , मन मे रखना तू ये आस “रण विजयी” बनता वही , जिसके पास हो “आत्मविश्वास”
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